




हम सामाजिक अन्याय से पीड़ित बुद्धिजीवियों की टीम हैं जो समाज में दबे-कुचले वर्गों की आवाज सुनने और उन्हें साझा करने के लिए तत्पर हैं, जो अपने मानवाधिकारों के उल्लंघन में मदद के लिए तत्पर हैं। जो लोग सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और वित्तीय रूप से सक्षम हैं, वे आमतौर पर कमज़ोर लोगों के अधिकारों का हनन करते हैं। सभी मामलों में नहीं, लेकिन ज़्यादातर मामलों में पीड़ित अज्ञानता या वर्चस्व की धमकियों के कारण चुप रहते हैं। ऐसी सभी स्थितियों में विश्वकर्मा महासभा हमेशा हर पीड़ित के पक्ष में खड़ा है।
हमारे पास एक समर्पित टीम है और हम घर-घर जाकर लोगों की समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। हम सभी जरूरतमंदों को आश्वस्त करते हैं और संवैधानिक अधिकारों की मदद से अपनी क्षमताओं के भीतर समस्या को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं।
Women make up about 50% of the global population, yet a significant number are unemployed. This lack of workforce participation is a major factor contributing to economic challenges worldwide.
At Vishwakarma Mahasabha, we believe that true social progress begins with compassion, inclusion, and empowerment. Our “Social Support India” initiative is designed to uplift marginalized communities.
Vishwakarma Mahasabha play a crucial role in addressing poverty through various support programs. They provide assistance to marginalized communities and work towards long-term solutions for poverty.
Education is a basic right that everyone deserves. Vishwakarma Mahasabha is dedicated to making this a reality with its mission of “education for all.”
Vishwakarma Mahasabha has launched a community health program aimed at promoting sustainable practices and raising awareness about preventive and promotive health in rural areas.
Vishwakarma Mahasabha Vocational Training Centre empowers women by fostering a positive approach to work and life. It highlights the growing importance of vocational education in today’s tech-driven world.
विश्वकर्मा या विश्वकर्मन (संस्कृत: विश्वकर्मा, शाब्दिक अर्थ ‘ सब कुछ बनाने वाला विश्वकर्मा) समकालीन हिंदू धर्म में एक शिल्पकार देवता और देवताओं के दिव्य वास्तुकार हैं। प्रारंभिक ग्रंथों में, शिल्पकार देवता को त्वष्टार के नाम से जाना जाता था और “विश्वकर्मा” शब्द का इस्तेमाल मूल रूप से किसी भी शक्तिशाली देवता के लिए एक विशेषण के रूप में किया जाता था।
हिंदू धर्म में विश्वकर्मा भगवान को यंत्रों का देवता मनाना गया है। वह दुनिया के पहले इंजीनियर और वास्तुकार माने जाते हैं। इस दिन दुकानों और कारखानों में मशीन, औजार और वाहन की भी पूजा की जाती है।
विश्वकर्मा समुदाय का गोत्र मुख्य रूप से सानग माना जाता है। हालांकि, विश्वकर्मा समुदाय के पांच पुत्रों के अनुसार, उनके गोत्र भी अलग-अलग माने जाते हैं, जो क्रमशः लोहार, बढ़ई, ठाठेर, राजमिस्त्री और सुनार के रूप में जाने जाते हैं,
सानग गोत्र:
विश्वकर्मा के पुत्र मनु को सानग गोत्र से संबंधित माना जाता है, जो लोहार के रूप में जाने जाते हैं.
अन्य गोत्र:
विश्वकर्मा के अन्य पुत्रों, जैसे मय, त्वष्टा, शिल्पी और दैवज्ञ, को अलग-अलग गोत्रों से संबंधित माना जाता है, जो क्रमशः बढ़ई, ठठेर ,राजमिस्त्री और सुनार के रूप में जाने जाते हैं.
उप-समूह:
इन गोत्रों को विश्वकर्मा समुदाय के पांच उप-समूहों से जोड़ा जाता है, जो उनके पारंपरिक व्यवसायों के साथ मेल खाते हैं.
निस्संदेह मुझे विश्वकर्मा महासभा के उपाध्यक्ष के रूप में अपने विचार व्यक्त करते हुए बहुत खुशी हो रही है। आज व्यावसायिक शिक्षा की वर्तमान स्थिति पर विचार करते समय हमारे संकाय को सर्वश्रेष्ठ में से एक होने का गौरव प्राप्त है। हमें खुद पर गर्व है कि हम ऐसे संकाय हैं जो सही शैक्षणिक और पेशेवर मंच प्रदान करते हैं जहाँ आप नेतृत्व और उद्यमशीलता की उस मायावी भावना को प्राप्त कर सकते हैं। सभी को मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान करने का प्रयास हमारे दिमाग में सबसे ऊपर है।
संकाय का मिशन उत्कृष्ट ज्ञान के साथ-साथ कठोर प्रशिक्षण प्रदान करना है जो समाज को 21वीं सदी में हावी होने वाले पेशेवरों और वैज्ञानिक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करेगा। उच्चतम क्षमता वाले संकाय और उच्च श्रेणी की शिक्षा सभी इस संकाय में सबसे योग्य छात्रों को आकर्षित करने का काम करते हैं। मुझे विश्वास है कि विश्वकर्मा महासभा अच्छी तरह से प्रशिक्षित पेशेवरों का उत्पादन करने के लिए अद्वितीय स्थिति में है, जिनके पास कौशल, ज्ञान, नेतृत्व गुण और सबसे बढ़कर, अभिनव क्षमताएं हैं। जबकि ज्ञान प्राप्त करना महत्वपूर्ण है, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इसे समाज के लिए उपयोगी बनाना हमारी जिम्मेदारी है। इस संबंध में, न केवल चिकित्सा देखभाल बल्कि नैदानिक नवाचार भी महत्वपूर्ण हैं। मेरा प्रयास होगा कि संकाय को दुनिया भर में चल रहे बुनियादी और नैदानिक अनुसंधान में असाधारण वृद्धि को पूरा करने में सक्षम बनाया जाए
1.विश्वकर्मा समाज के लोगों के बीच आपसी सहयोग एकता तथा भाईचारे की भावना जागृत करना l
2. विश्वकर्मा समाज के बीच आने वाली समस्याओं के निराकरण हेतु आपसी सहयोग एवं शासन के सहयोग से उनकी समस्याओं का निराकरण करना l
3. विश्वकर्मा समाज के कल्याणर्थ शासन के सहयोग से विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन करना l
4. ज्ञानवर्धन हितार्थ निःशुल्क पत्र पत्रिकाओं का वितरण करना l
5. समय-समय पर सांस्कृतिक कार्यक्रम विचार गोष्ठी सेमिनार का आयोजन करना l
6. पर्यावरण संरक्षण नशा मुक्ति परिवार कल्याण स्वास्थ्य कल्याण टीकाकरण वृक्षारोपण आदि कार्यक्रमों का प्रचार प्रसार व संचालन करना l
7. स्वच्छता शुद्ध पेयजल एवं जल प्रबंधन कार्यक्रमों का प्रचार प्रसार करना l
8. विश्वकर्मा समाज लोगों के सामाजिक विकास हेतु सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के तहत नि:शुल्क प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना कर संचालित करना तथा उन्हें नि:शुल्क प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाना l
9. समाज कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश केंद्रीय एवं राज्य समाज कल्याण सलाहकार बोर्ड का कपार्ट अवार्ड नाबार्ड सिडबी मानव संसाधन मंत्रालय यूनिसेफ डवाकरा सिप्सा इंडिया हेल्पज इंडिया राजीव फाउंडेशन नौराड इंडिया केयर राष्ट्रीय महिला कोष विश्व बैंक सुंडा ढूंढा विश्व स्वास्थ्य संगठन अल्पसंख्यक विभाग उत्तर प्रदेश एवं विकलांग कल्याण विभाग महिला कल्याण निगम पिछड़ा वर्ग कल्याण निदेशालय द्वारा संचालित महिला एवं बाल विकास कार्यक्रमों तथा ग्रामीण एवं नगरीय विकास परियोजनाओं विकलांग कल्याण कार्यक्रमों का प्रचार प्रसार एवं संचालन करना l
10. एड्स कैंसर टीवी हेपेटाइटिस मधुमेह आदि जानलेवा बीमारियों की पहचान वह रोकथाम हेतू जागरूकता शिवरो के माध्यम से लोगों को जागरूक करना l
11. मलिन बस्तियों में आधुनिक शौचालय प्याऊ पौधशाला एवं शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करना l
12. पर्यावरण संरक्षण नशा मुक्ति परिवार कल्याण स्वास्थ्य कल्याण टीकाकरण वृक्षारोपण सामाजिक वनकी कुष्ठ उन्मूलन दहेज उन्मूलन हरियाली कार्यक्रम प्रदूषण नियंत्रण एवं उपभोक्ता संरक्षण कंज्यूमर अवेयरनेस आदि कर कर्मों का प्रचार प्रसार एवं संचालन करना l
13. शिक्षा अनौपचारिक शिक्षा स्वास्थ्य शिक्षा कंप्यूटर शिक्षा इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक शिक्षा कृषि शिक्षा टाइप शिक्षा हैंड शिक्षा प्रतियोगिता शिक्षा नि:शुल्क दिलाने की व्यवस्था करना तथा लोगों को कंप्यूटर की शिक्षक द्वारा प्रशिक्षित करना ।
14. मोबाइल डिस्पेंसरी चल अचल अस्पताल नशा मुक्ति केंद्र तथा एड्स कैंसर रोकथाम मध्य निषेध शिविर कैंपों के माध्यम से प्रचार प्रसार करना l
15. दुग्ध विकास गौशाला पशु पक्षी जीव जंतु के संरक्षण आदि कार्य को प्रचार प्रचार करना l
देश के नागरिकों को एकजुट करना।
देश के नागरिकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना एवं उनके मान-सम्मान की सुरक्षा करना।
देश के नागरिको को शैक्षिक, सामाजिक रूप से शक्तिशाली बनाना।
नागरिकों के समस्त संवैधानिक अधिकारों के प्रति नागरिकों को जागरूक करना।
शासन, प्रशासन एवं पुलिस के साथ सामांजस्य स्थापित कर अपराधों कोरोकने में उनका सहयोग करना एवं पीडि़तों को न्याय दिलाना।
समस्त जनसाधारण का सामाजिक नैतिक, चारित्रिक व बौद्धिक, अध्यात्मिक विकास करना एवं लोगों में देष प्रेम एवं वैचारिक सामन्जस्य का विकास करना।
भारतीय संविधान में प्रदत्त सामाजिक न्याय, और आर्थिक उत्थान के लिये प्रयास करना।
भ्रष्टाचार, आतंकवाद, महिला हिंसा ,बल श्रम ,शोषण , अव्यवस्था आदि वर्तमान ज्वलन्त समस्याओं के निवारण हेतु सरकारी अर्धसरकारी संस्थाओंके सहयोग से उन्हें दूर करने का प्रयास करना।
मानवाधिकारों की जानकारी के प्रचार-प्रसार हेतु पत्र-पत्रिका का प्रकाशन करना एवं समय-समय पर सेमिनार एवं विचार गोष्ठियों का आयोजन करना।
शासन/प्रशासन के साथ सहयोग स्थापित कर अपराध व शोषण रोकने का प्रयास करना।
भारत सरकार द्वारा पारित मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम १९९३ का जन-जन में प्रचार प्रसार करना जिससे आम आदमी उसका लाभ प्राप्त कर सके।
We are having a dedicated team and reaching door to door to solve the panics. We assure all needy and trying to overcome the problem within our capabilities with the help of constitutional rights.
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